


छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन ही राजस्व निरीक्षक विभागीय परीक्षा में गड़बड़ी का मुद्दा गरमाया। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने सवाल उठाते हुए पूछा कि इस मामले में गृह विभाग की जांच कहां तक पहुंची है? दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कब होगी? और परीक्षा में कुल कितने परीक्षार्थी शामिल हुए?
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब दिया कि भर्ती से राजस्व विभाग को सशक्त अमला मिलेगा और काम में सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि परीक्षा की प्रक्रिया पिछली सरकार के दौरान शुरू हुई थी, लेकिन परिणाम आने के बाद शिकायतें मिलीं। पांच सदस्यीय जांच टीम ने मामले की पड़ताल की तो अनियमितताएं पाई गईं, जिसमें कई परीक्षार्थी एक साथ बैठे हुए थे। सामान्य प्रशासन विभाग ने गृह विभाग को जांच के लिए पत्र लिखा, जबकि गृह विभाग ने कहा कि संबंधित विभाग सक्षम है। इसके बाद जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई है और वह चल रही है। मंत्री ने कहा कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और वास्तविक दोषियों तक पहुंचकर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भारतमाला परियोजना की तरह इस मामले की भी सख्ती से जांच की बात कही।
इस पर भाजपा विधायक मूणत ने सवाल किया कि यदि अनियमितता पाई गई तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? उन्होंने कहा कि मंत्री के विभाग में आने के नौ दिन भी नहीं हुए थे, फिर परीक्षा कर ली गई। उन्होंने कहा कि साली-जीजा और भाई-भाई एक साथ बैठे पाए गए, जांच हुई तो कार्रवाई क्यों टली?
मंत्री वर्मा ने बताया कि जांच समिति ने निष्कर्ष दिया है कि उपलब्ध दस्तावेज पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं, लेकिन गड़बड़ी हुई है, और कॉल डिटेल्स की जांच ईओडब्ल्यू कर रहा है। मूणत ने पूछा कि क्या अगले सत्र से पहले दोषियों पर कार्रवाई हो जाएगी? मंत्री ने जवाब दिया कि दोषी पाए जाने पर ठोस कार्रवाई होगी और प्रयास रहेगा कि अगले सत्र तक जांच पूरी कर कार्रवाई हो जाए।इसके बाद भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि ईओडब्ल्यू जांच का निर्णय किसने लिया और क्या विभाग ने ही इसे जांच सौंपी है? इस पर मंत्री ने पुष्टि की कि विभाग ने ही ईओडब्ल्यू को जांच सौंपा है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि परीक्षा आपकी सरकार के आने के बाद हुई या पहले? मंत्री ने बताया कि परीक्षा जनवरी 2024 में हुई और फरवरी में परिणाम घोषित हुए। मंत्री के जवाब के बाद सदन में जोरदार हंगामा मच गया। विपक्षी विधायकों ने भाजपा सरकार पर गड़बड़ी का आरोप लगाया और सदन में तीखी नोक-झोंक शुरू हो गई।अंततः विपक्ष के विधायकों ने इस मामले पर नाराजगी जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।